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Monday, 21 September 2020

क्या है कछुआ अंगूठी के लाभ? | Kachua ring ke fayde | Hindi Bhandar

 हेल्लो फ्रेंड्स, आमतौर पर ज्यादातर लोग सोने और चाँदी की अंगूठी पहनना पसंद करते है, लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है, की कछुए की भी अंगूठी पहनी जाती है, अगर नही तो कोई बात नही, क्योकि आज की पोस्ट में हम आपको बताएँगे की कछुए की अंगूठी क्यों पहननी चाहिए, और इससे फायदा क्या होता है, तो चलिए शुरू करते है।

तो आज हम इस पोस्ट में कछुए की अंगूठी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

क्या है कछुआ अंगूठी के लाभ


कछुआ अंगूठी - kachua ring

यह अंगूठी कोई आम अंगूठी नहीं होती है बल्कि इसको वास्तु शास्त्र के हिसाब से अत्यधिक शुभ माना जाता है इससे घर में धनलक्ष्मी की बढ़ोतरी होती है साथ ही या यह आत्मविश्वास बढ़ाती है और इसको भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है इन्हीं सभी कारणों की वजह से कछुए की अंगूठी को वास्तु शास्त्र में एक महत्व स्थान प्राप्त है साथ ही यह धन की वृद्धि करने में भी मदद मिलती है इन्हीं कूछ वजह से कछुए की अंगूठी प्रसिद्ध है।


कछुआ के अंगूठी के फायदे - kachua ring ke fayde

वैसे देखा जाए तो कछुआ के अंगूठी के मनुष्य जीवन में बहुत सारे फायदे होते हैं लेकिन उनमें से कुछ फायदा के बारे में हम जानेंगे।

  • कछुआ पानी व जमीन पर भी रहता है इसीलिए इसको उन्नति का प्रतीक माना जाता है इसको पहनने से सफलता मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।
  • शास्त्रों के मुताबिक कछुए की अंगूठी भगवान श्री विष्णु का प्रतीक है इसीलिए सकारात्मकता बनी रहती है।
  • कछुए को धरती और स्वर्ग दोनों स्थानों से जुड़ा हुआ माना जाता है इसीलिए इसको पहनने से सकारात्मक फायदे होते हैं।
  • कछुए की अंगूठी से धन में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • शास्त्रों के अनुसार इस अंगूठी से आपकी उम्र लंबी होती है।
  • शास्त्रों के अनुसार कछुए की पीठ बड़े से बड़े जोखिम को झेल सकती है इसी कारण इसको मनुष्य का सुरक्षा कवच भी माना जाता है जो हमेशा मनुष्य की मदद करता है।
  • कछुआ के अंगूठी पहने के बाद आपकी सकारात्मकता बढ़ती है और आप सफलता के लिए प्रेरित होते हैं।
  • कछुए की अंगूठी आपको कैरियर में भी बहुत अहम भूमिका निभाती है साथ ही बिजनेस या नौकरी में भी सफलता दिलाती है।

कछुए की अंगूठी के बारे में ध्यान रखने योग्य बातें

  • कछुए की अंगूठी चांदी की होनी अनिवार्य है।
  • कछुआ के अंगूठी को हमेशा शुक्रवार के दिन खरीदना चाहिए ।
  • कछुए की अंगूठी को हमेशा सीधे हाथ में पहनना चाहिए।
  • कछुआ के अंगूठी को जब भी उतारे तो आप उसको मंदिर में रखें वापस पहनने से पहले लक्ष्मी जी की मूर्ति छुकर पहने।
  • कछुआ के अंगूठी को पहने के बाद उसको बार-बार घुमाना नहीं चाहिए ।
  • जब भी कछुए की अंगूठी बनवाएं तो उसके सिर वाला हिस्सा पहनने वाले व्यक्ति की और आना चाहिएं और कछुए का मुख बाहर की ओर होगा तो धन आने की बजाय चला जायेगा ।

किस हाथ में पहने कछुए की अंगूठी

कछुए की अंगूठी मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा गुणकारी होती है धन में वृद्धि सकारात्मक सोच बढ़ती है इसको पहनने के कुछ नियम होते हैं जो इस प्रकार है।
  1. कछुआ के अंगूठी को हमेशा पुरुषों के लिए हमेशा दाहिने हाथ में ही पहनना चाहिए।
  2. कछुए की अंगूठी महिलाओं को अपने बाएं हाथ में ही पहना चाहिए।
  3. कछुए की अंगूठी को हमेशा हाथ के मध्यम में अंगुली में पहना जाता है।


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घर में शांति के लिए वास्तु टिप्स – ghar me sukh shanti ke upay

हर कोई व्यक्ति यही चाहता है की जिस घर में वह रह रहा है वहाँ पूरी तरह से शांति का माहोल हो और अपने घर में सुख शांति बनाने के लिए बहुत सी प्रयास भी करता है परन्तु कई बार ऐसे वास्तु दोष घर में छिपे होते है जिसका पता हर कीसी को नहीं लग पाता है और जिस से घर में सुख शांति में खलल उत्तपन होता है। अतः ऐसे वास्तु दोषों के कारणों का पता लगा उन्हे दूर करना बहुत जरूरी होता है। अगर घर में छिपे वास्तु दोषों का पता लगा उन्हे दूर कर दिया जाए तो घर में शांति और सुखमय माहोल पाया जा सकता है। आज हम आप के सामने इस लेख में उन तरीकों को लेकर आए है जिनको अपना कर आप घर में सुख शांति ला सकते और वास्तु दोषों को दूर कर सकते है।

घर में शांति के लिए वास्तु टिप्स


घर में शांति के लिए इन तरीकों को अपनाएं - sukh shanti ke upay

  1. पूर्वी दिशा जहां से सुबह सूर्य की किरणें घर में आती हों उस जगह क्रिस्टल बॉल रखें, ताकि उस पर सूर्य की किरणें पड़ें और उसका प्रकाश पूरे फ्लैट में फैले। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी। अगर के अंदर नकारात्मकता रहती है तो घर के सदस्यों का भी काम में मन नहीं लगता और सही परिणाम नहीं मिल पाते है। जो की आप की तरक्की में बाधा बनती है।
  2. पूरे घर में नमक के पानी का पोंछा लगाएं। घर के पूजा स्थान को हमेशा साफ-स्वच्छ रखें। किसी तरह की गंदगी न हों।
  3. बोनसाई और कंटीले पौधे घर के अंदर नहीं लगाएं। इससे घर का वास्तु बिगड़ता है और नकारात्मक उर्जा फैलती है।
  4. शयनकक्ष में बिस्तर के नीचे जूते-चप्पल नहीं होने चाहिए। यह नकारात्मक उर्जा को बढ़ाता है और रोग एवं मानसिक परेशानियों को बढ़ाता है। जूते-चप्पल हमेशा घर से बहार ही रखने चाहिए। मुख्य दरवाजे के सामने में भी जूते चप्पल नहीं उतारने चाहिए इस से सकारात्मक ऊर्जा में अवरोध उत्तपन होता है।
  5. लोहे की अलमारी कभी भी बिस्तार के पीछे नहीं रखें। यह भी ध्यान रखें कि लोही की चीजें आपके बिस्तर पर नहीं हो।
  6. जल को ऊर्जा का एक स्रोत माना जाता है अतः घर में जल के स्रोत की दिशा भी विशेष महत्व रखती है । घर के बीच में पानी की टंकी, हैंडपंप, घड़ा या दूसरे जल के स्रोत नहीं होने चाहिए यह आर्थिक मामलों में नुकसानदेय होता है।
  7. दान के लिए घर में लाई गई वस्तुओं को अधिक दिनों तक घर में नहीं रखना चाहिए। देवी देवताओं की टूटी मूर्तियों को भी घर में नहीं रखना चाहिए। टूटी हुई मूर्तियों को किसी पेड़ की जड़ में रख देना चाहिए।
  8. यदि बेठक में खाने की व्यवस्था हो या कीसी तरह का खंभा हो तो यह वास्तु के हिसाब से सही नहीं होता है। इसे तुरंत परिवर्तित करना चाहिए। इसके कारण घर के मालिक की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होती है। और ऐसा करने से मित्रों के साथ संबंध भी खराब हो सकते है। अथवा परिवार के सदस्यों की शिक्षा में भी नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते है।
  9. यदि पूजा स्थल की दीवारों में दरारे है या पूजा कक्ष में रोशनी की कमी है तो इसे तुरंत दूर करना चाहिए। क्योंकि इस कारण से परिवार जनों की सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है और संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है।
  10. यदि रसोई की दिवारे काली पड़ गई हो या दरारे पड़ी हो तो इसे राहू-मंगल योग कहते है जिसे तुरंत सही करना चाहिए। इस वजह से गृह स्वामी के भाई को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। और घर में महिलाओं की पति को समान देने की प्रवृति कम होती है।
  11. घर में सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। इस से घर का माहोल पूरी तरह से शांत बना रहता है और घर के लोगों के बीच तरह का मन मुटाव भी नहीं होता है।

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वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा कोनसी है? | शौचालय वास्तु

वास्तु एक ऐसा पुराना विज्ञानं है जो इंसान के जीवन में बहुत एहमियत रखता है। वास्तु के नियमों का पालन करने से मुसीबतें दूर रहती है। वास्तु हर जगह काम आता है। वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा भी निर्धारित है।चाहे वो घर का निर्माण हो, ऑफिस का या शौचालय का। हाँ आपने सही पढ़ा शौचालय बनाने में भी वास्तु काम आता है। वास्तु के अनुसार घर का नक्शा निर्धारित करते वक़्त शौचालय के बारे में भी सोचे।  वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा निर्धारित की हुई है। शौचालय को इस दिशा में बनाने से मुश्किलें कम होती है। प्रधान मंत्री के द्वारा शुरू किया हुआ स्वच्छ भारत अभियान भी शौचालय के तरफ ध्यान दे रहा है। इसीलिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा जानना जरूरी है। पहले लोग किसी भी दिशा में शौचालय बना लेते थे। लेकिन अब वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा जानने के बाद ही बनवाते है। आइए अब जानते है वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा कोनसी है?


वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा कोनसी है?

भारत के स्वतंत्रता के वक़्त यह माना जाता था की शौचालय घर के बाहर होना चाहिए। बड़े बुजुर्ग कहते थे की मूल-मूत्र त्यागने का कार्य घर के बाहर ही सही है। इसका एक कारण यह भी है की घर में पूजा घर होता है। लेकिन अब शौचालय कमरे के अंदर बनाया जाने लगा है। ऐसा बदलते समय के कारण हुआ है। किसी भी दिशा में लोग शौचालय बना लेते थे।

लेकिन वास्तु शास्त्र की बढ़ती हुई एहमियत के कारण सब बदल गया है। अब वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा तय करी जाती है। शौचालय बनाते वक़्त शौचालय वास्तु पर ध्यान दिए जाने लगा है। वास्तुशास्त्र के अनुसार शौचालय घर के दक्षिण – पश्चमी दिशा के बीच में बनवाना चाहिए।वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा यही है। शौचालय वास्तु के अनुसार इस दिशा में शौचालय बनवाना लाभकारी होता है।


वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा जानना क्यों जरूरी है ?

वास्तु के नियमों का पालन करने से कोई हानि नहीं है। बल्कि आपको लाभ ही होता है। लेकिन इन नियमों का पालन ना करने की वजह से मुसीबतों का सामना जरूर करना पढ़ सकता है। इसलिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा का पालन करना जरूरी है।

शौचालय के मदद से आप अपनी जिंदगी से बेकार चीज़े बहार निकालते है। इस कार्य के लिए दक्षिण पश्चिम दिशा उचित मानी जाती है। इसीलिए इसे वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा माना जाता है। इस दिशा में शौचालय बनाने से व्यक्ति अपनी बेकार और कष्टकारी चीज़ो का विसर्जन कर सकता है।  इसीलिए ख़राब ऊर्जा वाली जगह पर शौचालय का निर्माण होना चाहिए।

अगर शौचालय वस्तु के अनुसार शौचालय की दिशा में नहीं है तो:

  1. घरवालों के बीच मनमुटाव हो सकता है।
  2. वैवाहिक जोड़े के बीच भी कलह हो सकता है।
  3. व्यवसाय में हानि हो सकती है।
  4. नौकरी या किसी भी पेशे में भी दिक्कतें आ सकती है।
  5. परिवार के लोग रोग से पीड़ित रहते है।
  6. ग्रह स्वामी में आत्मविश्वास की कमी है।

शौचालय वास्तु (Toilet Vastu)

  1. वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा का पालन करना जरूरी है। शौचालय बनाते वक़्त इन बातों का जरूर ध्यान दीजिये:
  2. शौचालय बनवाते वक़्त उसमे लगने वाले उपकरणों की वजह से नकारात्मक ऊर्जा नहीं पैदा होनी चाहिए। ऐसा अगर होता है तो घर के सदस्य बीमार रहते है।
  3. घर में टॉयलेट और बाथरूम एक साथ मत बनाये। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से वास्तु दोष होता है। इस वास्तु दोष की वजह से आपको कई मुसीबतों का सामना करना पढ़ता है। घर में कलह भी बना रहता है।
  4. यह जरूर ध्यान रखें की शौचालय बनाने की वजह से सकरात्मक ऊर्जा नष्ट नहीं हो। ऐसा अगर होता है तो आपको आर्थिक मुसीबतें हो सकती है। इसके साथ साथ बरकत या सफलता में भी रुकावटें आती है। शौचालय के लिए हमेशा नकारात्मक ऊर्जा वाली जगह चुने।
  5. शौचालय कभी घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं बनाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। यह हानिकारक होता है।
  6. शौचालय और स्नानगृह कभी साथ में मत बनवाएं। स्नानगृह हमेशा घर के पूर्व दिशा में होना चाहिए। शौचालय हमेशा वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा निर्धारित की जगह पर बनवाएं।

बाथरूम वास्तु (Bathroom Vastu)

  1. वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा जो निर्धारित है उसी का इस्तेमाल कीजिये।
  2. वास्तु शास्त्र के अनुसार स्नानगृह में चंद्रमा का वास होता है। शौचालय में राहु का वास होता है। अगर आप इन दोनों को एक साथ बनाते है तो चंद्रमा को राहु की वजह से ग्रहण लग जाता है। इसके कारन बहुत सारे दोष हो जाते है। इनका असर व्यक्ति के मन और स्वस्थ्य पर पढता है। इसलिए स्नानगृह और शौचालय अलग रखें।
  3. बाथरूम और टॉयलेट भी अलग होने चाहिए।
  4. बाथरूम में पानी का बहाव उतर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  5. बाथरूम का फर्श चिकना नहीं बनाएं। ऐसा करने से घरवालों को हानि हो सकती है। टाइल्स, मार्बल या ग्रेनाइट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  6. बाथरूम में टपकता हुआ नल नहीं होना चाहिए। अगर कोई नल ऐसा है तो उसको सही करवा लीजिये।
  7. बाथरूम में लगी हुई खिड़की पूर्व दिशा में खुले तो अच्छा होता है।
  8. हमेशा बाथरूम का दरवाजा बंद रखे ताकि नेगितिविटी आपके घर में न फैले। अगर आपका बाथरूम का दरवाजा हमेशा खुला रहता है तो इसका असर आपके व्यक्तिगत जीवन और आपके करियर पर पड़ता है।
  9. आपके बाथरूम के बाहर कोई भी सजावट का सामान न रखे और न ही किसी देवता की मूर्ति या फोटो लगाये।

वास्तु के अनुसार टॉयलेट (Vastu Ke Anusar Toilet)

वास्तु के अनुसार टॉयलेट बनाना जरूरी और लाभदायक होता है। नीचे दिए हुए कुछ दिशाओं में टॉयलेट नहीं बनाना चाहिए। इन दिशाओं में शौचालय बनाने से मुसीबतें आती है। आइए जानते है इन दिशाओं के बारे में:

  1. पश्चिम दिशा में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। इस दिशा का प्रयोग करने की वजह से व्यक्ति को मनोवांछित फल नहीं मिलते।
  2. उतर दिशा में शौचालय नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से रोजगार की तकलीफें होती है। धन पाने में रुकावटें भी आती है।
  3. शौचालय के लिए उतर-पूर्व दिशा भी उचित नहीं है। इस दिशा के इस्तेमाल से व्यक्ति की रोगो से बचने की क्षमता कम हो जाती है। घरवाले ज्यादातर बिमारियों से पीड़ित रहते है।
  4. घर के पूर्व दिशा में शौचालय नहीं बनाएं। ऐसा करने पर घरवाले हमेशा थकान महसूस करते है। इस दिशा के प्रयोग से व्यक्ति के सामाजिक रिश्ते नष्ट हो जाते है।
  5. यह ध्यान रखें की टॉयलेट कभी भी रसोई के सामने नहीं हो।

वास्तु फॉर टॉयलेट सीट डायरेक्शन (Vastu For Toilet Seat Direction)

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा के साथ टॉयलेट सीट की दिशा भी जरूरी है। आइए देखते है कोनसी है यह दिशा :

  1. पश्चिम या दक्षिण दिशा में टॉयलेट सीट रखनी चाहिए।
  2. टॉयलेट सीट के लिए दक्षिण – पश्चिम सबसे उचित दिशा है।
  3. टॉयलेट सीट का प्रोयग करते वक़्त आपका मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
  4. टॉयलेट सीट का प्रयोग करते वक़्त कभी भी मुख पूर्व दिशा की तरफ नहीं रखें। यह दिशा सूर्य भगवान् की है। अगर आप इस दिशा की तरफ मुख करके शौच करते है तो सूर्य देव का अपमान होता है। ऐसा करने से आपको कानूनी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
  5. वास्तु फॉर अटैच्ड बाथरूम एंड टॉयलेट (Vastu For Attached Bathroom And Toilet)
  6. ऐसे शौचलय की दीवारों का रंग सफ़ेद, हल्का नीला, हल्का पीला या आसमानी रंग होना चाहिए।
  7. ऐसे व्यवस्था में वाशिंग मशीन के लिए दक्षिण या आग्नेय कोण सही दिशा होती है।
  8. दर्पण हमेशा पूर्व या उतरी दिवार पर लगाना चाहिए।
  9. वास्तु अनुसार अगर बाथरूम की दीवार और आपके पलग की दीवारे एक है तो आपको डरवाने सपने आने लगेंगे।
  10. इस बात का ख़ास ख्याल रखे कि आपके बाथरूम का वश बेसिन और नहाने की जगह बाथरूम के पूर्व, उत्तर या उतर पूर्व में हो।
  11. बाथरूम में अगर एग्जॉस्ट फैन है तो वो पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए ताकि वहां से आपके बाथरूम में फ्रेश हवा और सूरज की रोशनी आ सके।

Toilet Position As Per Vastu

  • आपके बाथरूम में वेंटिलेशन होना चाहिए।
  • बाथरूम का इंटीरियर करवाते वक्त इस बात का ध्यान रखे कि बाथरूम की टाइल्स काली या गहरी नीले रंग की न हो। आपके बाथरूम की दीवार भूरे रंग,क्रीम रंग या मिटटी के रंग से मिलता जुलता कोई रंग होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा

  • सीढियों के नीचे कभी भी बाथरूम न बनवाएं, ये वास्तु की नजर से सही स्थान नही है।
  • बाथरूम का दरवाजा लकड़ी का बना होना चाहिए न कि लोहे का , लोहे के दरवाजे नैगेटिव एनर्जी पैदा करता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही होगा ।

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शौचालय हमेशा दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।
  • शौचालय का गटर आपके घर के पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
  • दक्षिण दिशा के अलावा शौचालय की खिड़कियाँ और दरवाजा किसी भी दिशा में हो सकते हैं

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय (Vastu Shastra Ke Anusar Toilet)

  1. शौचालय में पानी का बहाव उतर पूर्व दिशा से होना चाहिए।
  2. अगर आप शौचालय में गीज़र लगवा रहे है तो शौचालय अग्नि कोण में बनवाएं। गीज़र के साथ वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा मानते है।
  3. आज कल ज्यादातर लोग बैडरूम में शौचालय बनवाते है। यह गलत है। ऐसा करने से बैडरूम और बाथरूम की ऊर्जा में टकराव होता है। इसका घरवालों के स्वास्थय पर भी असर करता है। दोनों के बीच में एक चेंजिंग रूम बनवाएं। यह हमेशा ध्यान रखें की उपयोग के बाद शौचालय का दरवाज़ा बंद हो। ऐसे बाथरूम की खिड़कियां पूर्व दिशा में होनी चाहिए। एग्जॉस्ट फैन भी पूर्व दिशा में लगवाना चाहिए।
  4. यह ध्यान रखें की जब आप सोये तब शौचालय का दरवाजा आपके मुख की तरफ नहीं हो।
  5. शौचालय हमेशा एक के ऊपर एक बनवाना चाहिए।
  6. शौचालय में ब्रश करते वटक आपका मुख उतर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  7. ईशान कोण में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए। यह हानिकारक होता है।

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Vastu Tips: 25+ ways to boost positive energy in 5 areas of your home | HindiBhandar

Vastu for a Positive Home

For a house to become a home, it needs to radiate the right kind of energy. According to a number of traditional beliefs, each home comes with its own energy type. A person dwelling in a house comes under the influence of a specific energy field, which in turn influences him in one way or the other. Therefore it’s very crucial to understand the link between the healing art of Vastu and our homes in honing positivity and good vibes. Keeping in mind the ‘ready-to-move-in’ houses (where architectural changes are not possible), Vastu expert Ashna Ddhannak, founder and owner of Enlightening Lifestyle, enlists ways you can bring balance to your home.


Vastu Tips

Vastu Shastra is an ancient guide for a positive home, right from the entrance of a house to the bedroom, kitchen, bathroom, outdoors, and courtyard.

1. Vastu for the Main Entrance: Doorway


According to Vastu Shastra, the main entrance to a home is not only the entry point for the family, but also for energy.

Vastu for the Main Entrance


The main door should face the north, east or in the north-east direction.


As per Vastu, the main door should be constructed in a way to ensure that when you step out, you face the north, east or north-east direction


Considered as the “archway to victory and progress in life”, the main door should face north, east or in the north-east direction. It must be constructed in a way to ensure that when you step out, you face the north, east or north-east direction.

  • The main door to your home should be constructed with superior quality wood. It should tower above the other doors in your house, and look the most appealing.
  • Avoid placing a fountain, or any other decorative water-centric element, outside the main door.
  • Avoid placing a shoe rack or dustbin outside the main door.
  • There shouldn’t be a bathroom near the main door.
  • Ensure the main entrance is well lit.
  • Avoid painting the main door black.
  • Decorate your door with beautiful nameplates and auspicious torans.
  • Avoid placing animal statues or figurines near the main door.
  • Ensure your main door opens in a clockwise manner.

2. Vastu for the Meditation Room: Spirituality


Designating a room in the house for meditation and prayers will ensure spiritual growth. It is always important for an individual to introspect and connect to a higher power, says Ddhannak.

Vastu for the Meditation Room

White, beige, or a light yellow or green are great colour options for the meditation room.

An option for a meditation room in a Vastu compliant home


Here is how you can go about designating a meditation/spiritual room:

  • The east or north-east part of your home is perfect for meditation, yoga and other spiritual pursuits.
  • Facing east when you meditate will increase positivity
  • Create a sacred altar and decorate it with candles or incense sticks
  • White, beige, light yellow or green are great colour options for the room.

3. Vastu for the Living Room: Social


In a home, the living room is where most of the activity is centred. It creates a favourable (or unfavourable) first impression when guests enter for social gatherings. Therefore, ensure the living room is clutter-free.

Vastu for the Living Room

The living room should face east, north or north-east. Alternatively, a north-west-facing living room is also favourable.

A living room in a Vastu compliant home


  • The living room should face east, north or north-east. Alternatively, a north-west-facing living room is also favourable.
  • Heavy furniture should be kept in the west or south-west direction of the living room.
  • All electronics and appliances should be installed in the south-east section of the living room
  • If there is a mirror in the room, ensure it is placed on the north wall.

4. Vastu for the Courtyard: Cosmic Centre of the Home


Brahmasthan is a unique feature of ancient Indian architecture based on Vastu Shastra. It is the centre of your abode and is considered to be the holiest and most powerful zone of the house.

Here are a few tips to ensure the Brahmasthan radiates limitless energy:

  • This part of your home should be spotless and clutter-free. A circumference of 1 to 1.5 metres of the Brahmasthan should not have any obstructions or built-up area.
  • The placement of the kitchen, bathroom or a pillar/beam attracts negative energy. This could have an adverse effect on the health of your family members.

5. Vastu for the bedroom: Balance


Sometimes, the smallest things can turn your fortunes around. Vastu Shastra shows you how tweaking your bedroom can enhance positive energy and even improve relations between couples.

Vastu for the bedroom

As per Vastu, paint your bedroom walls in neutral or earthy shades as it radiates positive energy. Avoid painting your walls black.

Here are 5 tips to transform the energy ratios in your bedroom to help positively influence your sleep:

  • Ideally, the bedroom in a south-west direction brings good health and prosperity. Avoid a bedroom in the north-east or south-east zone of the house as the former may cause health issues, while a bedroom placed in the latter direction may cause quarrels among couples.The bed should be placed in the southwest corner of the bedroom, with your head facing west.
  • Avoid placing a mirror or television in front of the bed. Your reflection must not be seen in a mirror when in bed as it causes fights and other domestic disruptions.
  • Paint your bedroom walls in neutral or earthy shades as it radiates positive energy. Avoid painting your walls black.
  • Avoid having a temple, paintings depicting water or a fountain in the bedroom as it could cause emotional outbursts.
  • Use mood lighting and burn aromatic oils to create an oasis of calm.

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Saturday, 2 December 2017

घर के लिए वास्तु टिप्स, Vastu Tips For Home in Hindi, वास्तु शास्त्र

घर के लिए वास्तु टिप्स, वास्तु शास्त्र टिप्स (Vastu Shastra Tips For Home in Hindi House) : हज़ारो साल पहले प्राचीन भारत मे प्रचलित था और आज कल फिर से वास्तु लोकप्रिय होता जा रहा है ना सिर्फ़ इंडिया में बल्कि दुनिया के दूसरे  देशो मे भी| जानिए वास्तु क्या है (ghar ka vastu hindi me) और यह अपने घर और जीवन से कैसे जुड़ी है और वास्तु से संरेखित रहे तो कितना सुखमय हो जाता है जीवन अपना| 

घर के लिए वास्तु टिप्स, Vastu Tips For Home in Hindi, वास्तु शास्त्र

#  वास्तु क्या है - What is vastu shastra in hindi


Vastu shastra kya hai in hindi : वास्तु का मूल वेदो मे है जो चार से पाँच हज़ार साल पहले रचित किया गया था| स्थापत्या वेद, जो अर्थवा वेद का एक भाग है उस मे वास्तु के बारे मे विस्तार मे लिखा गया है| इस का उल्लेख विष्णु पुराण, गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण, स्कंदा पुराण और मातायस्य पुराण मे भी पाया जाता है|
वास्तु का संबंध घर या निवास स्थान से है और यह घर और निवास स्थान हो, बिज़्नेस की जगह हो या मंदिर हो, इन सभी के लिए खास नियम है जो दिशा से जुड़ी है और इन नियमो के अनुसार प्रकृति से सामन्जस्य बनाना और पाँच तत्वो (पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल और आकाश) और प्राकृतिक उर्जा के बीच मे संतुलन बनाए रखना उचित होता है शांतिमय जीवन के लिए और स्वस्थ के लिए भी| यह सामन्जस्य और संतुलन बनाए रखने के लिए खास नियम है घर या किसी भी स्थल के निर्माण के लिए| जानिए घर के लिए वास्तु टिप्स (vastu tips in hindi for home)और वास्तु से जीवन सुधारे| वास्तु शास्त्र (Vastu shastra in hindi) मे जानिए की स्पष्ट नियम है घर के निर्माण और दिशाओ से जुड़ी और कमरे के बारे मे भी| पढ़ते रहिए और जानिए घर का नक्शा वास्तु के अनुसार (Vastu map for home in hindi)|

# घर का नक्शा वास्तु के अनुसार - Vastu shastra in hindi for home map

Vastu shastra for home plan in hindi: वास्तु शास्त्र (Vastu shastra in Hindi) मे जानिए की वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा बनाने के कुछ नियम है| इस नियमो के अनुसार घर का लोकेशन और रचना किया जाए तो जीवन सुखमय और प्रगतिशील होगा| यह क्या है पढ़ते रहिए आगे:
अगर आप भाग्यशाली है की प्लॉट खरीद कर घर बना सकते है तो वास्तु मे इन के लिए यह सूचना है| प्लॉट का आकार अगर चोरस हो तो यह उचित है, लम्बा चौरस भी ठीक है मगर त्रिकोण ना हो| दक्षिण और पश्चिम के तरफ का भाग उँचा हो और पूर्व और उत्तर का भाग नीचे हो तो समृद्धि मिलती है| प्लॉट के चारो और रास्ते हो तो उत्तम है मगर दो भी हो तो चलेगा| उत्तर और पूर्व के तरफ रास्ते हो यह उचित है| प्लॉट का मुख पूर्व की और हो यह उत्तम माना जाता है| विस्तार मे जाए तो और भी सूचना है मगर यह बेसिक है|

सभी को यह भाग्य नहीं होता है| ज़्यादातर हमे जो अपार्टमेंट मिलते है उसे स्वीकार करना पड़ता है और इसमे वास्तु दोष होते है| तो इस का भी उपाय है वास्तु रेमेडीस द्वारा|

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का निर्माण - Vastu shastra for home construction in hindi

आगे जानिए घर का निर्माण और वास्तु के नियम (Vastu shastra tips for home construction plan in Hindi):
  1. वास्तु के अनुसार घर की रचना करे तो उत्तर की दिशा मे ज़्यादा से ज़्यादा दरवाजे और खिड़की रखे|
  2. घर का मुख्य द्वार पूर्व या तो उत्तर की और खुलता हो तो उचित है|
  3. वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय घर के दक्षिण दिशा मे ना रखे| यह धन स्थान है|
  4. पश्चिम और दक्षिण दिशा मे सीढ़ियाँ सीधी हो तो उत्तम माना गया है वास्तु शास्त्र में|
  5.  वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में टॉयलेट और रसोई घर को पश्चिम दिशा मे स्थापित करे|
  6. इशान दिशा याने की नार्थईस्ट दिशा जल का स्थान है तो पानी की टंकी इस जगह पर रखे तो घर मे सुख समृद्धि का वास होगा| चाहे तो मुख्य द्वार भी इस दिशा मे रखे तो लाभकारी और शुभ है|
  7. घर के उत्तर पश्चिम याने की वायव्य दिशा मे बेडरूम और गेराज की योजना बनाए तो सुखद होगा जीवन
  8. दक्षिण पूर्व दिशा को अग्नि स्थान कहा जाता है याने की आग्नेय स्थान जिस दिशा मे गैस का सिलेंडर रखे रसोई घर के अंदर |
  9. दक्षिण पश्चिम याने की नेतृत्व दिशा मे कोई भी दरवाजा या खिड़की ना हो इस का ध्यान रखे|
  10.  वास्तु के साथ ज्योतिष का सहारा भी लिया जाता है घर की रचना और निर्माण मे| ऐसे तो शहर और व्यक्ति की राशि एक हो तो सुखदायी माना जाता है| गहराई मे जाए तो और भी ऐसे वास्तु ज्योतिष के नियम है मगर आज के जमाने मे इन का मेल बिठाना मुश्किल है| इन सभी के लिए वास्तु रेमेडीस है जो 400 वास्तु टिप्स मे आप जान सकेंगे| 
  11. पूरे घर का ही नही मगर घर के अंदर के कमरे का भी वास्तु होता है और हर एक कमरे के अंदर भी वास्तु नियम अनुसार चले तो घर मे सुख समृद्धि और स्वस्थ बरकरार रहते है|
  12. उत्तर और पूर्व दिशा मे जगह ज़्यादा रहने दे जब घर का रचना करे| प्लॉट के दक्षिण और पश्चिम दिशा मे जगह कम रहने दे|
  13. वास्तु के अनुसार घर (Vastu tips for house) प्लानिंग मे घर का प्रमाण लंबाई और चौड़ाई बराबर का रखे या तो 1:1|5 की मात्रा मे|
  14. प्लॉट मे घर बनाए तो दक्षिण और पासचिं जगह उत्तर और पूर्वा दिशा से उचई पर रखे|
  15. घर का ऊँचाई दक्षिण और पश्चिम भाग मे पूर्व और उत्तर से ज़्यादा रखे|
  16. छत पर पानी की टंकी हमेशा दक्षिण-पश्चिम कोने मे रखे| अंडरग्राउंड टैंक हो तो उत्तर-पूर्वा दिशा पसंद करे|
  17. घर के निर्माण के पहले भूमि पूजा ज़रूर करे अच्छे मुहूरत मे| यह भी उत्तर पूर्व कोने मे ही करे|
  18. वास्तु शास्त्र के टोटके में कहा जाता है की अगर घर का निर्माण शुरू करे तो बीच मे कभी ना रुके| संपूर्ण कर के ही रहने दे|

# वास्तु के अनुसार मंदिर की दिशा - Vastu for mandir in home in hindi

घर और अंदर के कमरे की रचना मे दिशा महत्वपुर्ण भाग निभाते है| घर को अगर एक चौरस आकार समझे तो घर के अंदर वास्तु पुरुष जो बैठा है उस का मस्तक और सर इशान कोने मे होता है, बाहे उत्तर और पूर्वा दिशा मे, कोनी और घुटने वायव्य और आग्नेय नैरित्य स्थान मे और पैर नैरित्य स्थान मे| घर मे मंदिर और पूजा स्थान को महत्व का स्थान दिया गया है और मंदिर के लिए सब से उचित स्थान है नार्थईस्ट याने की इशान कोना या तो उत्तर का भाग| हमेशा पूजा स्थान ग्राउंड फ्लोर पर होता है और कभी भी सीढ़ी के नीचे नहीं होना चाहिए| वास्तु के अनुसार घर (Vastu tips for house) मंदिर मे आगे जानिए की मंदिर वाले कमरे की दीवार को सफेद, हल्का नीला या हल्का पीला रंग करे और कपबोर्ड हो तो यह कमरे के पश्चिम या दक्षिण दिशा मे रखे| मंदिर और मूर्ति इशान दिशा (नार्थईस्ट) मे रखे और दरवाजा बिल्कुल मंदिर के सामने ना हो, इस का ध्यान रखे| मंदिर मे दीपक और अग्नि कुंड आग्नेय दिशा मे रखे| जो कमरे मे मंदिर हो वो कमरा किसी और उपयोग मे ना ले तो उचित होगा घर के वास्तु उपाय (vastu shastra in hindi) के अनुसार| मंदिर वाले कमरे मे कभी भी अँधेरा ना हो, एक छोटा बल्ब हमेशा जलता  के रखे|

सामन्जस्य और संतुलन बनाए रखने के लिए सरल वास्तु टिप्स है रसोई घर के लिए, शयन कक्ष के लिए और घर के अन्य भागो के लिए| पढ़ते रहे घर के वास्तु टिप्स (vastu tips in Hindi for home) और हो सके वहाँ तक अपनाए| जहाँ मुमकिन नहीं है वहाँ पर वास्तु रेमेडीस (vastu remedies)का सहारा ले|


# वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार - Vastu shastra for home entrance in Hindi

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार अगर पूर्व की तरफ हो तो उत्तम है क्योंकि सवेरे की सूरज की किरण घर के अंदर प्रवेश करे तो घर को स्वच्छ बना देती है| घर का मुख्य द्वार कभी भी दक्षिण पूर्व मे ना हो इस का ध्यान रखे| अगर अापने घर खरीदा है जिस का मुख्य द्वार दक्षिण की और है तो एक और दरवाजा बनाए जो उत्तर की और हो| उत्तर पश्चिम या पश्चिम -उत्तर दिशा भी मुख्य द्वार के लिए सूचनीय है वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार के लिए वास्तु टिप:
  •     यह द्वार सब से बड़ा हो कद मे इस का ध्यान रखे और इस के दो भाग होने चाहिए|
  •     दरवाजा खुले तो कोई आवाज़ ना हो|
  •     मुख्या द्वार के उपर लाइट बल्ब लगाए|
  •     चौखट बनाए ताकि धन हानि ना हो|

# बेडरूम के लिए वास्तु टिप्स - Vastu tips for bedroom in hindi

वास्तु मे बेडरूम याने शयन कमरे को घर के अंदर एक विशेष स्थान है और इस कमरे के अंदर का वास्तु के बारे मे भी सोचा जाता है| यह है चुने हुए बेडरूम के लिए वास्तु टिप्स (vastu for bedroom in hindi) :
  • मुख्य शयन कमरा घर के दक्षिण दिशा मे स्थापित करे| इस से और उत्तम है दक्षिण-पश्चिम दिशा| दूसरे कमरे हो तो वो पूर्व और उत्तर दिशा मे रखे| दरवाजा पूरा खुले इस तरह रचना करे और दरवाजा के आजू बाजू कोई अड़चन ना रखे|
  • बेडरूम का आकर चौरस या तो लंबा-चौरस हो इस का ध्यान रखे| दीवारो का रंग हल्का हो और सफेद, नीला और हरा रंग का उपयोग करे|
  • बेडरूम मे मंदिर या देव देवी की मूर्ति ना रखे|
  • कमरे के अंदर पलंग इस तरह से रखे की सोने वाले का सर दक्षिण दिशा मे रहे| उत्तर मे कभी ना हो| पलंग के सामने आईना ना रखे|
  • पलंग के नीचे कोई भी चीज़ ना रखे|

# वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा - Vastu tips for kitchen in hindi

रसोई घर का विशेष स्थान है घर मे और रसोई घर को भी घर मे विशेष स्थान पर ही स्थापित करे| यह है किचन के लिए वास्तु टिप्स (vastu for kitchen in hindi):
  1. किचन को हमेशा आग्नेय स्थान याने की दक्षिण-पूर्वा दिशा मे रखे| यह जगह उचित ना हो तो फिर उत्तर-पश्चिम दिशा को चुने| उत्तर-पूर्वा, उत्तर का मध्य भाग, दक्षिण-पश्चिम ओर पश्चिम या तो पश्चिम जगह उचित नहीं है|
  2. प्लॅटफॉर्म को रसोई घर मे उत्तर का दीवार और पूर्व के दीवारो से दूर रखे| ऐसे स्थापित करे की जब रसोई करते हो तो चेहरा पूर्व की तरफ हो|
  3. सिंक को गैस की सिगड़ी से दूर रखे और सींक को उत्तर-पूर्व दिशा मे रखे|
  4. यंत्र जैसे की रेफ्रीजिरेटर है उस को दक्षिण पश्चिम दिशा मे रखे| अन्य यंत्रो को दक्षिण पूर्व कोने मे रखे|
  5. साधन सामग्री को कपबोर्ड मे रखे|
  6. खिड़की हमेशा पूर्व दिशा मे खुले ऐसा रखे|
  7. रसोई घर से जुड़े कोई टाय्लेट या बातरूम ना रखे|

यह है सरल वास्तु रसोई घर के लिए| ऐसा आदर्श रसोई घर तो सभी के नसीब मे नहीं होता है इसीलिए वास्तु रेमेडीस का सहारा ले तो वास्तु दोष कम होगा|

# स्वास्थ्य के लिए वास्तु टिप्स - Vastu tips for good health in hindi

वास्तु का ध्येया यह है की जो व्यक्ति उस घर मे रहता है वो प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखे और स्वस्थ बना रहे| वास्तु मे नियम है स्वस्थ बनाए रखने के लिए| यह है अच्छी सेहत के लिए वास्तु उपाय (tips for good health in Hindi):
  1. घर के मध्य भाग मे सीढ़ी ना रखे| मध्य भाग मे छत मे कोई बीम ना हो इस का ध्यान रहे रचना के समय|
  2. घर का हर एक कमरे की सजावट ऐसा करे की कम से कम चीज़े हो और हवा और प्रकाश अच्छी तरह से कमरे मे दाखिल हो सके|
  3. सफाई अवश्य रखे और बिना ज़रूरी चीज़ो को फेंक दे|
  4. सोते समय सर को हमेशा दक्षिण की और रखे और बाए और सो जाए तो वता और कफा दोष का शमन होगा| पित्त दोष का शमन करना है तो दाहिने और सो जाए|
  5. ब्रह्म स्थान याने घर के मध्य भाग मे भारी फर्नीचर ना रखे|
  6. स्वस्थ बनाए रखने के लिए रसोई घर को अग्नि स्थान मे रखे और अगर ऐसा नहीं है तो अग्नि स्थान मे एक दिया जला के रखे| वास्तु रेमेडी मे दक्षिण वाले दरवाजे को हमेशा बंद रखे|
  7. दक्षिण दिशा मे हनुमानजी की मूर्ति रखे अगर घर का मुख दक्षिण की और रहता है|

वास्तु मे विस्तार से वर्णन है की युगल का कमरा कैसे हे, कैसे पेड़ पौधे उचित है घर के आँगन मे, वास्तु घर के पीछ वाड़े के लिए, पानी के लिए और शौचालय के लिए| यह सभी 400 वास्तु टिप्स मे जानिए और अगर वास्तु से संरेखित नहीं है तो वास्तु दोष निवारण के भी उपाय है|

Dosto., Ye post aapko kaisa lga., please apna feedback cooment me zarur de., or agar aapke pas bhi koi intresting valuble hindi post hai to hme email me bheje, hum aapke post ko HindiBhandar me shamil krenge.. Thank you. :)

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20 वास्तु टिप्स लक्ष्मी पाने के सरल उपाय - Vastu Tips in Hindi

वास्तु टिप्स (Vastu Tips in Hindi) : वास्तु एक विज्ञान भी है और एक कला भी| अथर्व वेद से जुड़ी स्थापत्या वेद मे इस का मूल है| वास्तु याने रहने की जगह और इस वास्तु शास्त्र (vastu shastra) मे है नियम जो दिशाओ से जुड़ी है और पाँच तत्वो से भी| मनुष्य के भीतर वही तत्त्व है जो बाहर है और अगर वो अपना घर और रहने और जीने का ढंग अगर दिशा और तत्वो से संरेखित करे तो घर मे, कुटुम्ब मे और खुद मे शांति और सुख होगा| आज के हालत मे यह तो मुमकिन नहीं है की हर कोई वास्तु के नियम अनुसार घर बना सके तो घर मे कोई ना कोई वास्तु दोष रह जाता है मगर वास्तु मे वास्तु दोष निवारण (vastu dosh nivaran) के लिए 400 वास्तु टिप्स (400 vastu tips in hindi) भी है जिस से यह दोष का असर कम कर सके| फिलहाल वास्तु शास्त्र टिप्स (vastu shastra tips in hindi) जानिए और यह घर वास्तु टिप्स (vastu tips for home) हो सके वहाँ तक अपनाए|

20 वास्तु टिप्स लक्ष्मी पाने के सरल उपाय - Vastu Tips in Hindi

  1. वास्तु डिरेक्शन्स (Vastu directions) याने वास्तु दिशा का बहुत ध्यान रखे|
  2. वास्तु टिप्स फॉर होम (Vastu tips for home in Hindi) के अनुसार से घर बाँधने के लिए प्लॉट खरीदे तो उससे संबंधित वास्तु का ज्ञान प्राप्त करे जो 400 वास्तु टिप्स की किताब से मिलेंगे|
  3. प्लॉट के लिए (Plot ke liye) दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम और पश्चिम दिशा उत्तम है|
  4. प्लॉट मे पश्चिम और दक्षिण के भाग का स्तर ऊँचा हो यह ध्यान मे रखे|
  5. अनार, अशोक, चंपा और चमेली के पौधे उगाए खुल्ले ज़मीन मे|
  6. घर की और उस के अंदर के रचना की बात आई तो वास्तु फॉर होम (vastu for home) के नियम अपनाये|
  7. घर वास्तु टिप्स (Ghar vastu tips) मे सब से महत्व की बात है मुख्य द्वार जो उत्तर- पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा मे हो और द्वार के उपर एक स्वास्तिक का चिन्ह् ज़रूर रखे, ओम के साथ|
  8. लिविंग रूम वास्तु टिप (vastu tip) है की यह घर के अंदर उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा मे हो|
  9. बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम भाग मे रखे और बेड को उत्तर-दक्षिण दिशा मे रखे ऐसे की सोते समय सर हमेशा दक्षिण की और रहे|
  10. शयन कक्ष मे आईना ना रखे और रखे तो बेड से दूरी पर और रात को कपड़े से ढँक दे यह बेडरूम के लिए वास्तु टिप्स (vastu tip in hindi for house bedroom) वश्य ध्यान मे रखे|
  11. घर वास्तु टिप्स मे रसोई घर हमेशा दक्षिण-पूर्वी भाग मे हो या तो उत्तर-पश्चिम या पूर्व दिशा मे हो|
  12. रसोई घर मे दवाई ना रखे|
  13. रसोई घर मे गॅस को दक्षिण-पूर्व स्थान जो अग्नि स्थान है वहाँ पर स्थित करे|
  14. रसोई करते समय चेहरा पूर्व की और रखे|
  15. वास्तु शास्त्र अनुसार बाथरूम और टाय्लेट हमेशा उत्तर-पश्चिमी भाग मे रखे या तो पश्चिम या दक्षिण भाग में|
  16. कोई वास्तु दोष रह जाए तो वास्तु दोष निवारण के लिए हर साल या हर तीन साल श्री गणेश पूजा ज़रूर करे|
  17. घर मे नमक के क्रिस्टल्स का कटोरा रखे और ताजे नींबू को एक ग्लास पानी मे रखे जो हर हफ्ते या हर रोज बदलते रहे|
  18. घर के लिए वास्तु टिप्स (Vastu shastra for home in hindi) मे जानिए की दक्षिण दिशा मे सीढ़ी रखे, कभी भी उत्तर दिशा मे नहीं|
  19. घरेलू वास्तु टिप्स (Vastu tips in Hindi for house) मे पानी का स्थान बहुत महत्पूर्ण है|
  20. अंडरग्राउंड पानी का टैंक हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा मे हो
  21. ओवरहेड टैंक हमेशा पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा मे रखे|
  22. सरल वास्तु शास्त्र (Saral vastu shastra) के अनुसार उत्तर दिशा उत्तम है तिजोरी के लिए और बाल्कनी के लिए|
  23. वास्तु टिप्स (Vasthu tips) मे उत्तर-पूर्व दिशा पूजा स्थान है और यहाँ मंदिर स्थापित करे जो दीवार से थोड़ी दूरी पर रखे|
  24.  घर वास्तु टिप्स (Vastu shastra for home in hindi) के अनुसार घर के अंदर हर एक कमरे का स्थान है और ऐसे ही घर के हर एक कमरे मे हर एक चीज़ भी सोच समझ कर रखनी चाहिए|
  25. घर मे कचरा और बिना ज़रूरी समान ना रखे और फ़ौरन निकाल दे|
  26. भारी समान हमेशा कमरे के दक्षिण दीवार के साथ सटा के रखे|
  27. कमरे के उत्तर और पूर्वी दीवार हो सके इतनी खाली रखे या हल्के समान रखे|
  28. खिड़की और दरवाजे को अड़चन रूप हो ऐसा कोई समान ना सजाए| घर के दक्षिण और पश्चिम दीवारो पर आईना ना रखे|
  29. घर के छत मे बीम हो तो यह वास्तु दोष है
  30. बीम के वास्तु दोष निवारण (vastu dosh nivaran) के लिए कभी भी बीम के नीचे बेड ना रखे और बीम को ढक दे फॉल्स सीलिंग से और बैम्बू के पोल बीम के आजू बाजू खड़े  कर दे|
  31. इंडियन वास्तु शास्त्र (Indian vastu shastra) के अनुसार लिविंग रूम और बेडरूम सही दिशा मे स्थापित ना कर सके तो हर रोज इन कमरो मे ताजे फूलो का गुलदस्ता रखे तो दोष निवारण होगा|
  32. वास्तु शास्त्र होम फर्नीचर (Vastu shastra home furniture) के लिए यह है की हमेशा साल, शीशम या साग के लकड़ी से बनाए|
  33. वास्तु शास्त्र के टोटके (Home vastu tips in Hindi) मे यह भी जानिए की हो सके तो हर एक कमरे का दरवाजा पूर्व की और हो|
  34. आदर्श वास्तु हाउस (vastu house) भले ना हो पर घर मे काम करे या पढ़ाई तो चेहरा हमेशा पूर्व या उत्तर की और रखे|

ऐसे तो और भी अनगिनत वास्तु टिप्स इन हिन्दी फॉर हाउस है जो 400 वास्तु टिप्स इन हिन्दी मे आप पढ़ सकेंगे मगर यह नीव के वास्तु टिप्स फॉर होम भी ध्यान मे रखे और अमल करे तो काफ़ी फायदा होगा.

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Most Powerful Vashikaran Mantra : वशीकरण के आसान मंत्र

Vashikaran mantra in hindi : Vashikaran yaane ki kisi stri ya purush ko aap ke vash mein kar lena. Prem ek karan hai. Doosra hai ki aap kisi ko vash mein kar ke us par apna haq jamane chahe. Agar aap kisi ko bahut hi chahte hai magar woh vyakti aap ko reciprocate na kare to samanya tarike kaam nahin karenge. Aise samay par vashikaran mantra in hindi (वशीकरण मंत्र) apnaye aur dekhiye jaado kaise chal jaata hai aur wo vyakti kaise sammohit hota hai.

Most Powerful Vashikaran Mantra : वशीकरण के आसान मंत्र

Yeh tantrik kriya hai isliye niyamo ka palan karna jaroori hai. Aise to kai vashikaran mantra hai aur aap kai devi jaise ke baglamukhi ka jaap aur tap kare to man chaha paa sakenge magar yeh kaam mushkil hai. Vashikaran mantra (वशीकरण मंत्र) thoda sa aasaan hai. To aaye dekhe alag alag mantra aur vashikaran karne ka tarika hindi me.



Vashikaran Mantra (वशीकरण मंत्र) in Hindi for Lady:-


Yeh hai ladki ko vash me karne ka mantra:
  •     “Om Hrim Namah”
  •     “Om Chem Hrim Hrim aam ham swaha”

In do mein se koi bhi mantra stri ko akarshit karne ke liye hai.
Lal vastra pehne nahne ke baad aur kumkum ki mala gale mein latkaye. Yeh jaap ek hazaar baar kare ek saptah tak. Jap karte samay us stri ko dhyaan mein rakhe jo aap ka lakshya hai. Us ke baad roj hazaar baar yeh jap kare aur dekhiye wo kaise sammohit ho jaati hai. 

Vashikaran Mantra in Hindi for Men:-


    “Om Hreen Kreem Amukam akarshay vashyam kuru kuru swaha”

Ek shubh din par kumkum, chandan, kesar aur neem ke patto ka mishran banaye aur bhoj patra ke upar gude ka chitra banaye. Khadsopchar vidhi se pooja karna chahiye. Neem ka lakdi le aur hawan kare ghee dalte hue aur mantra ka upchar kare. Gugul ka dhoop bhi kare. Ghee, phool aur gugal ki 110 ahuti kare. Stri ya purush ko dhyaan mein rakhe mantra jap karte samay. Name se vashikaran bhi kiya ja sakta hai.
    “Om Bhra Bhra Bhu Bhairav Swaha, Om Bhan Bhan Bhan Amuk Mohnaya swaha”

  1. Pehle saat baar is mantra ko padhiye. Phir Peepal ke patte par likhe. Jis vyakti ko vashikaran karna hai us ke ghar ke peechwade mein patte ko gaadh de. Aisa nahin ho sakta hai to us ke ghar ke andar daal de.
  2. Poore sabha ko vash mein karna ho to yeh vashikaran mantra apnaye.

    “Kalu muh dhodar karu salam mere nan
    Surma base jo nirkhe so payen pade
    Gosul aajam dastgir ki duhai”

Poore sabha ko vash mein karna ho to yeh mantra apnaye. Shukrawar ke din 125000 gehu ke daane le aur harek daana haath mein rakh ke mantra padhe aur phoonk mare. Aadhe gehu ka atta banake halwa banaye aur phir gausal aajam ko bhog lagaye. Thoda sa khud khaaye. Phir mantra saat bar padh kar aankho mein surma lagaye. Ab aap koi sabha mein jaaye to sabhi log ek saath vash mein ho jayenge.
Vashikaran Mantra for Husband in Hindi


Ab pati ko vash me karne ka totka janiye:-


    “Om Asy sri sundrimantra swarth varn
    Risi iti swhipas swaha”

Stri apne pati ko is mantra dwara vash kar sakti hai. Roj 108 baar is mantra 108 din take jap kare. Pati vash mein rahega aur patni sukhi hogi.
Most Powerful Vashikaran Mantra

Yeh hai premi ko vash me karna ka mantra:-


    “Om namoh bhagwate kamdevay yasya yasya dashyo bhavami
    Yasach yasach mam much paschyati tat a mohyatu swaha”

Yeh mantra ki ko apne taraf akarshit karne ke liye hai.  Roj 1008 bar jap kare. 90 din ke andar jis ko dhyaan mein rakha hai who aap ke taraf akarshit hoga ya hogi. Photo se vashikaran in hindi mein bata rahe hai usmein bhi yahi mantra ka jaap kiya ja sakta hai.

Vash me karne ke totke in hindi: Mantra na kar sake to totke hai, jaise ki choti elaichi, kangani, kakdisingi, sindoor, lal chandan ka mishran karke dhoop kare to stri ko yeh dhoop dene se woh vash mein ho jaayegi.

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Sunday, 6 August 2017

Youtube Se Video Kaise Download Karte Hain

Youtube se video download karne ka tarika :- Youtube video ke liye shayad sabse popular online channel hai. Yahan par aap ko har tarah ke video paye jayenge. Entertainment se leke talk shows ke video milenge. Kisi ne personal video shoot kiya hai to lakho aise video aap ko milenge. Instructional videos aur educational videos ki kami nahi hai YouTube par. Dekhna ek baat hai magar aap ko agar yeh download karna hai to aap apna sir khujalte reh jaayenge ki youtube se video download kaise kare. 



Sir khujalne ki jaroorat nahin hai na to hath mein hath rakh ke baith jaane ki jaroorat hai. Aap youtube se video download karna chahe to kai aise utility hai aur browser plug ins hai jo aap download kar sakte hai. Yeh browser ke upar ke toolbar mein dikhai denge. Jo bhi video chal raha hai voh aap ke computer mein save ho jaayega. Ek aise utility hai youtubedownloader. Doosra hai Ummy Video Downloader. Agar aap khush ho rahe hai ki aap ka samasya door ho gaya to sahi hai. Youtube se video download kaise kare in hindi aap ne jaan liya. Magar jab aap youtube se video download karna chahe apne mobile mein to yeh plugin shayad na bhi chale. Ab aap jahan the vahin par aa ke ruk gaye ki youtube se video download kaise kare apne mobile mein. Kay aisa koi raasta nahin hai ki plug in ya aur koi aap bina direct hi Youtube se video download ho?

Upar vaale ne aap ki sun li hai. Ab aap bina aur koi software ya app ke youtube se video directly download kar sakte hai. Yeh karne ka bilkul aasaan tarika hai. Neeche bataye steps follow kare.

Step 1 : Youtube Se Video Kaise Download Karte Hain

  1. Youtube.com browser mein type kar ke youtube chalu kare.
  2. Aap chahe us category mein search kare ya to search box mein aap ke pasand ka video topic likhe. Agar aap hindi film song dekhna aur download karna chahte hai to yeh type kare.
  3. Ab youtube mein list dikhai dega kai videos ke.
  4. Ek ko chun le aur click kare.

Step 2 : Youtube Se Video Kaise Download Karte Hain

  1.     Youtube mein aap ne jo video select kiya hai voh play hoga.
  2.     Ab aap browser ke address bar mein jaaiye.

Neeche ek example diya hai sadharan link ka jo address bar mein dikhai dega:

https://www.youtube.com/watch?v=_kgRFHaNo-Y

Step 3 : Youtube Se Video Kaise Download Karte Hain

Ab address bar mein  https://www.youtube... Jo likha hai us mein www aur youtube ke beech mein “ss” type kare. Enter kare ya mouse se click kare.
Youtube ka page reload hoga aur address bar mein  kuch aisa dikhega:

http://en.savefrom.net/#url=http://youtube.com/watch?v=_kgRFHaNo-Y&utm_source=youtube.com&utm_medium=short_domains&utm_campaign=www.ssyoutube.com
  • neeche page mein ek box mein video ka original link dikhai dega.
  • Us ke neeche ek button dikhai dega jis mein likha hoga “Download”
  • Is ke side mein video format selection ka option hai. Aap ko mp4 ya 3gp ya flv format, jo bhi pasand ho, voh select kare.
  • Is ke side mein selection option hoga. Aap HD ya mp3 (only audio) mein se koi bhi ek chune.
  • Ab “download” button par click kare.

Aap ka manpasand video aap ke device mein download ho ke save ho jaayega.

Yeh hai simple tip youtube se video kaise download kare in hindi. Enjoy kare.

Dosto., Ye post aapko kaisa lga., please apna feedback cooment me zarur de., or agar aapke pas bhi koi intresting valuble hindi post hai to hme email me bheje, hum aapke post ko HindiBhandar me shamil krenge.. Thank you. :)

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