घर के लिए वास्तु टिप्स, वास्तु शास्त्र टिप्स (Vastu Shastra Tips For Home in Hindi House) : हज़ारो साल पहले प्राचीन भारत मे प्रचलित था और आज कल फिर से वास्तु लोकप्रिय होता जा रहा है ना सिर्फ़ इंडिया में बल्कि दुनिया के दूसरे देशो मे भी| जानिए वास्तु क्या है (ghar ka vastu hindi me) और यह अपने घर और जीवन से कैसे जुड़ी है और वास्तु से संरेखित रहे तो कितना सुखमय हो जाता है जीवन अपना|
# वास्तु क्या है - What is vastu shastra in hindi
Vastu shastra kya hai in hindi : वास्तु का मूल वेदो मे है जो चार से पाँच हज़ार साल पहले रचित किया गया था| स्थापत्या वेद, जो अर्थवा वेद का एक भाग है उस मे वास्तु के बारे मे विस्तार मे लिखा गया है| इस का उल्लेख विष्णु पुराण, गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण, स्कंदा पुराण और मातायस्य पुराण मे भी पाया जाता है|
वास्तु का संबंध घर या निवास स्थान से है और यह घर और निवास स्थान हो, बिज़्नेस की जगह हो या मंदिर हो, इन सभी के लिए खास नियम है जो दिशा से जुड़ी है और इन नियमो के अनुसार प्रकृति से सामन्जस्य बनाना और पाँच तत्वो (पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल और आकाश) और प्राकृतिक उर्जा के बीच मे संतुलन बनाए रखना उचित होता है शांतिमय जीवन के लिए और स्वस्थ के लिए भी| यह सामन्जस्य और संतुलन बनाए रखने के लिए खास नियम है घर या किसी भी स्थल के निर्माण के लिए| जानिए घर के लिए वास्तु टिप्स (vastu tips in hindi for home)और वास्तु से जीवन सुधारे| वास्तु शास्त्र (Vastu shastra in hindi) मे जानिए की स्पष्ट नियम है घर के निर्माण और दिशाओ से जुड़ी और कमरे के बारे मे भी| पढ़ते रहिए और जानिए घर का नक्शा वास्तु के अनुसार (Vastu map for home in hindi)|
# घर का नक्शा वास्तु के अनुसार - Vastu shastra in hindi for home map
Vastu shastra for home plan in hindi: वास्तु शास्त्र (Vastu shastra in Hindi) मे जानिए की वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा बनाने के कुछ नियम है| इस नियमो के अनुसार घर का लोकेशन और रचना किया जाए तो जीवन सुखमय और प्रगतिशील होगा| यह क्या है पढ़ते रहिए आगे:
अगर आप भाग्यशाली है की प्लॉट खरीद कर घर बना सकते है तो वास्तु मे इन के लिए यह सूचना है| प्लॉट का आकार अगर चोरस हो तो यह उचित है, लम्बा चौरस भी ठीक है मगर त्रिकोण ना हो| दक्षिण और पश्चिम के तरफ का भाग उँचा हो और पूर्व और उत्तर का भाग नीचे हो तो समृद्धि मिलती है| प्लॉट के चारो और रास्ते हो तो उत्तम है मगर दो भी हो तो चलेगा| उत्तर और पूर्व के तरफ रास्ते हो यह उचित है| प्लॉट का मुख पूर्व की और हो यह उत्तम माना जाता है| विस्तार मे जाए तो और भी सूचना है मगर यह बेसिक है|
सभी को यह भाग्य नहीं होता है| ज़्यादातर हमे जो अपार्टमेंट मिलते है उसे स्वीकार करना पड़ता है और इसमे वास्तु दोष होते है| तो इस का भी उपाय है वास्तु रेमेडीस द्वारा|
अगर आप भाग्यशाली है की प्लॉट खरीद कर घर बना सकते है तो वास्तु मे इन के लिए यह सूचना है| प्लॉट का आकार अगर चोरस हो तो यह उचित है, लम्बा चौरस भी ठीक है मगर त्रिकोण ना हो| दक्षिण और पश्चिम के तरफ का भाग उँचा हो और पूर्व और उत्तर का भाग नीचे हो तो समृद्धि मिलती है| प्लॉट के चारो और रास्ते हो तो उत्तम है मगर दो भी हो तो चलेगा| उत्तर और पूर्व के तरफ रास्ते हो यह उचित है| प्लॉट का मुख पूर्व की और हो यह उत्तम माना जाता है| विस्तार मे जाए तो और भी सूचना है मगर यह बेसिक है|
सभी को यह भाग्य नहीं होता है| ज़्यादातर हमे जो अपार्टमेंट मिलते है उसे स्वीकार करना पड़ता है और इसमे वास्तु दोष होते है| तो इस का भी उपाय है वास्तु रेमेडीस द्वारा|
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का निर्माण - Vastu shastra for home construction in hindi
आगे जानिए घर का निर्माण और वास्तु के नियम (Vastu shastra tips for home construction plan in Hindi):
- वास्तु के अनुसार घर की रचना करे तो उत्तर की दिशा मे ज़्यादा से ज़्यादा दरवाजे और खिड़की रखे|
- घर का मुख्य द्वार पूर्व या तो उत्तर की और खुलता हो तो उचित है|
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय घर के दक्षिण दिशा मे ना रखे| यह धन स्थान है|
- पश्चिम और दक्षिण दिशा मे सीढ़ियाँ सीधी हो तो उत्तम माना गया है वास्तु शास्त्र में|
- वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में टॉयलेट और रसोई घर को पश्चिम दिशा मे स्थापित करे|
- इशान दिशा याने की नार्थईस्ट दिशा जल का स्थान है तो पानी की टंकी इस जगह पर रखे तो घर मे सुख समृद्धि का वास होगा| चाहे तो मुख्य द्वार भी इस दिशा मे रखे तो लाभकारी और शुभ है|
- घर के उत्तर पश्चिम याने की वायव्य दिशा मे बेडरूम और गेराज की योजना बनाए तो सुखद होगा जीवन
- दक्षिण पूर्व दिशा को अग्नि स्थान कहा जाता है याने की आग्नेय स्थान जिस दिशा मे गैस का सिलेंडर रखे रसोई घर के अंदर |
- दक्षिण पश्चिम याने की नेतृत्व दिशा मे कोई भी दरवाजा या खिड़की ना हो इस का ध्यान रखे|
- वास्तु के साथ ज्योतिष का सहारा भी लिया जाता है घर की रचना और निर्माण मे| ऐसे तो शहर और व्यक्ति की राशि एक हो तो सुखदायी माना जाता है| गहराई मे जाए तो और भी ऐसे वास्तु ज्योतिष के नियम है मगर आज के जमाने मे इन का मेल बिठाना मुश्किल है| इन सभी के लिए वास्तु रेमेडीस है जो 400 वास्तु टिप्स मे आप जान सकेंगे|
- पूरे घर का ही नही मगर घर के अंदर के कमरे का भी वास्तु होता है और हर एक कमरे के अंदर भी वास्तु नियम अनुसार चले तो घर मे सुख समृद्धि और स्वस्थ बरकरार रहते है|
- उत्तर और पूर्व दिशा मे जगह ज़्यादा रहने दे जब घर का रचना करे| प्लॉट के दक्षिण और पश्चिम दिशा मे जगह कम रहने दे|
- वास्तु के अनुसार घर (Vastu tips for house) प्लानिंग मे घर का प्रमाण लंबाई और चौड़ाई बराबर का रखे या तो 1:1|5 की मात्रा मे|
- प्लॉट मे घर बनाए तो दक्षिण और पासचिं जगह उत्तर और पूर्वा दिशा से उचई पर रखे|
- घर का ऊँचाई दक्षिण और पश्चिम भाग मे पूर्व और उत्तर से ज़्यादा रखे|
- छत पर पानी की टंकी हमेशा दक्षिण-पश्चिम कोने मे रखे| अंडरग्राउंड टैंक हो तो उत्तर-पूर्वा दिशा पसंद करे|
- घर के निर्माण के पहले भूमि पूजा ज़रूर करे अच्छे मुहूरत मे| यह भी उत्तर पूर्व कोने मे ही करे|
- वास्तु शास्त्र के टोटके में कहा जाता है की अगर घर का निर्माण शुरू करे तो बीच मे कभी ना रुके| संपूर्ण कर के ही रहने दे|
# वास्तु के अनुसार मंदिर की दिशा - Vastu for mandir in home in hindi
घर और अंदर के कमरे की रचना मे दिशा महत्वपुर्ण भाग निभाते है| घर को अगर एक चौरस आकार समझे तो घर के अंदर वास्तु पुरुष जो बैठा है उस का मस्तक और सर इशान कोने मे होता है, बाहे उत्तर और पूर्वा दिशा मे, कोनी और घुटने वायव्य और आग्नेय नैरित्य स्थान मे और पैर नैरित्य स्थान मे| घर मे मंदिर और पूजा स्थान को महत्व का स्थान दिया गया है और मंदिर के लिए सब से उचित स्थान है नार्थईस्ट याने की इशान कोना या तो उत्तर का भाग| हमेशा पूजा स्थान ग्राउंड फ्लोर पर होता है और कभी भी सीढ़ी के नीचे नहीं होना चाहिए| वास्तु के अनुसार घर (Vastu tips for house) मंदिर मे आगे जानिए की मंदिर वाले कमरे की दीवार को सफेद, हल्का नीला या हल्का पीला रंग करे और कपबोर्ड हो तो यह कमरे के पश्चिम या दक्षिण दिशा मे रखे| मंदिर और मूर्ति इशान दिशा (नार्थईस्ट) मे रखे और दरवाजा बिल्कुल मंदिर के सामने ना हो, इस का ध्यान रखे| मंदिर मे दीपक और अग्नि कुंड आग्नेय दिशा मे रखे| जो कमरे मे मंदिर हो वो कमरा किसी और उपयोग मे ना ले तो उचित होगा घर के वास्तु उपाय (vastu shastra in hindi) के अनुसार| मंदिर वाले कमरे मे कभी भी अँधेरा ना हो, एक छोटा बल्ब हमेशा जलता के रखे|
सामन्जस्य और संतुलन बनाए रखने के लिए सरल वास्तु टिप्स है रसोई घर के लिए, शयन कक्ष के लिए और घर के अन्य भागो के लिए| पढ़ते रहे घर के वास्तु टिप्स (vastu tips in Hindi for home) और हो सके वहाँ तक अपनाए| जहाँ मुमकिन नहीं है वहाँ पर वास्तु रेमेडीस (vastu remedies)का सहारा ले|
सामन्जस्य और संतुलन बनाए रखने के लिए सरल वास्तु टिप्स है रसोई घर के लिए, शयन कक्ष के लिए और घर के अन्य भागो के लिए| पढ़ते रहे घर के वास्तु टिप्स (vastu tips in Hindi for home) और हो सके वहाँ तक अपनाए| जहाँ मुमकिन नहीं है वहाँ पर वास्तु रेमेडीस (vastu remedies)का सहारा ले|
# वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार - Vastu shastra for home entrance in Hindi
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार अगर पूर्व की तरफ हो तो उत्तम है क्योंकि सवेरे की सूरज की किरण घर के अंदर प्रवेश करे तो घर को स्वच्छ बना देती है| घर का मुख्य द्वार कभी भी दक्षिण पूर्व मे ना हो इस का ध्यान रखे| अगर अापने घर खरीदा है जिस का मुख्य द्वार दक्षिण की और है तो एक और दरवाजा बनाए जो उत्तर की और हो| उत्तर पश्चिम या पश्चिम -उत्तर दिशा भी मुख्य द्वार के लिए सूचनीय है वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार के लिए वास्तु टिप:
- यह द्वार सब से बड़ा हो कद मे इस का ध्यान रखे और इस के दो भाग होने चाहिए|
- दरवाजा खुले तो कोई आवाज़ ना हो|
- मुख्या द्वार के उपर लाइट बल्ब लगाए|
- चौखट बनाए ताकि धन हानि ना हो|
# बेडरूम के लिए वास्तु टिप्स - Vastu tips for bedroom in hindi
वास्तु मे बेडरूम याने शयन कमरे को घर के अंदर एक विशेष स्थान है और इस कमरे के अंदर का वास्तु के बारे मे भी सोचा जाता है| यह है चुने हुए बेडरूम के लिए वास्तु टिप्स (vastu for bedroom in hindi) :
- मुख्य शयन कमरा घर के दक्षिण दिशा मे स्थापित करे| इस से और उत्तम है दक्षिण-पश्चिम दिशा| दूसरे कमरे हो तो वो पूर्व और उत्तर दिशा मे रखे| दरवाजा पूरा खुले इस तरह रचना करे और दरवाजा के आजू बाजू कोई अड़चन ना रखे|
- बेडरूम का आकर चौरस या तो लंबा-चौरस हो इस का ध्यान रखे| दीवारो का रंग हल्का हो और सफेद, नीला और हरा रंग का उपयोग करे|
- बेडरूम मे मंदिर या देव देवी की मूर्ति ना रखे|
- कमरे के अंदर पलंग इस तरह से रखे की सोने वाले का सर दक्षिण दिशा मे रहे| उत्तर मे कभी ना हो| पलंग के सामने आईना ना रखे|
- पलंग के नीचे कोई भी चीज़ ना रखे|
# वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा - Vastu tips for kitchen in hindi
रसोई घर का विशेष स्थान है घर मे और रसोई घर को भी घर मे विशेष स्थान पर ही स्थापित करे| यह है किचन के लिए वास्तु टिप्स (vastu for kitchen in hindi):
- किचन को हमेशा आग्नेय स्थान याने की दक्षिण-पूर्वा दिशा मे रखे| यह जगह उचित ना हो तो फिर उत्तर-पश्चिम दिशा को चुने| उत्तर-पूर्वा, उत्तर का मध्य भाग, दक्षिण-पश्चिम ओर पश्चिम या तो पश्चिम जगह उचित नहीं है|
- प्लॅटफॉर्म को रसोई घर मे उत्तर का दीवार और पूर्व के दीवारो से दूर रखे| ऐसे स्थापित करे की जब रसोई करते हो तो चेहरा पूर्व की तरफ हो|
- सिंक को गैस की सिगड़ी से दूर रखे और सींक को उत्तर-पूर्व दिशा मे रखे|
- यंत्र जैसे की रेफ्रीजिरेटर है उस को दक्षिण पश्चिम दिशा मे रखे| अन्य यंत्रो को दक्षिण पूर्व कोने मे रखे|
- साधन सामग्री को कपबोर्ड मे रखे|
- खिड़की हमेशा पूर्व दिशा मे खुले ऐसा रखे|
- रसोई घर से जुड़े कोई टाय्लेट या बातरूम ना रखे|
यह है सरल वास्तु रसोई घर के लिए| ऐसा आदर्श रसोई घर तो सभी के नसीब मे नहीं होता है इसीलिए वास्तु रेमेडीस का सहारा ले तो वास्तु दोष कम होगा|
# स्वास्थ्य के लिए वास्तु टिप्स - Vastu tips for good health in hindi
वास्तु का ध्येया यह है की जो व्यक्ति उस घर मे रहता है वो प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखे और स्वस्थ बना रहे| वास्तु मे नियम है स्वस्थ बनाए रखने के लिए| यह है अच्छी सेहत के लिए वास्तु उपाय (tips for good health in Hindi):
- घर के मध्य भाग मे सीढ़ी ना रखे| मध्य भाग मे छत मे कोई बीम ना हो इस का ध्यान रहे रचना के समय|
- घर का हर एक कमरे की सजावट ऐसा करे की कम से कम चीज़े हो और हवा और प्रकाश अच्छी तरह से कमरे मे दाखिल हो सके|
- सफाई अवश्य रखे और बिना ज़रूरी चीज़ो को फेंक दे|
- सोते समय सर को हमेशा दक्षिण की और रखे और बाए और सो जाए तो वता और कफा दोष का शमन होगा| पित्त दोष का शमन करना है तो दाहिने और सो जाए|
- ब्रह्म स्थान याने घर के मध्य भाग मे भारी फर्नीचर ना रखे|
- स्वस्थ बनाए रखने के लिए रसोई घर को अग्नि स्थान मे रखे और अगर ऐसा नहीं है तो अग्नि स्थान मे एक दिया जला के रखे| वास्तु रेमेडी मे दक्षिण वाले दरवाजे को हमेशा बंद रखे|
- दक्षिण दिशा मे हनुमानजी की मूर्ति रखे अगर घर का मुख दक्षिण की और रहता है|
वास्तु मे विस्तार से वर्णन है की युगल का कमरा कैसे हे, कैसे पेड़ पौधे उचित है घर के आँगन मे, वास्तु घर के पीछ वाड़े के लिए, पानी के लिए और शौचालय के लिए| यह सभी 400 वास्तु टिप्स मे जानिए और अगर वास्तु से संरेखित नहीं है तो वास्तु दोष निवारण के भी उपाय है|
Dosto., Ye post aapko kaisa lga., please apna feedback cooment me zarur de., or agar aapke pas bhi koi intresting valuble hindi post hai to hme email me bheje, hum aapke post ko HindiBhandar me shamil krenge.. Thank you. :)
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very nice article Famous astrologer
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ReplyDeleteJust amazing. Keep posting for us.
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